भारत की कूटनीति रंग लाई, कोलंबिया का बड़ा समर्थन
भारत की कूटनीति रंग लाई, कोलंबिया का बड़ा समर्थन
गहरी साज़िश हुई नाकाम! भारत की कूटनीति ने दिखाया दम, कोलंबिया अब करेगा हमारा समर्थन।
50 शब्दों में सारांश
भारत ने कोलंबिया में कूटनीति का झंडा गाड़ा! शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबिया को ऑपरेशन सिंदूर पर गलत बयान वापस लेने और आतंकवाद के खिलाफ भारत का समर्थन करने के लिए मनाया। यह भारत की वैश्विक ताकत का शानदार प्रदर्शन है!
भारत की कूटनीति चमकी!
दोस्तों, भारत ने फिर दिखा दिया कि हमारी कूटनीति कितनी दमदार है! शशि थरूर की अगुवाई में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबिया में कमाल कर दिखाया। कोलंबिया ने पहले पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारे गए लोगों पर शोक जताया था, जो भारत को निराश करने वाला था।
क्यों थी नाराजगी?
Read This Blog
OYO: रितेश अग्रवाल पैरेंट कंपनी का नाम बदलेंगे, क्या जनता से सुझाव लिए?...
Visit the Blog Postकोलंबिया ने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों की बजाय पाकिस्तान के लिए शोक व्यक्त किया। थरूर ने साफ कहा, "आतंकवादियों और उनकी रक्षा करने वालों में कोई समानता नहीं हो सकती।" भारत केवल अपनी आत्मरक्षा के लिए कदम उठा रहा है, और यह बात कोलंबिया को समझानी थी।
कैसे पलटा खेल?
तरणजीत सिंह संधु, पूर्व राजदूत, ने कोलंबिया के विदेश मंत्रालय को ऑपरेशन सिंदूर की पूरी समयरेखा समझाई। इस ब्रीफिंग ने कोलंबिया को सच्चाई से वाकिफ कराया। नतीजा? उन्होंने अपना पुराना बयान वापस लिया और अब भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन करेंगे।
कोलंबिया क्यों अहम?
कोलंबिया जल्द ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनेगा। शशांक मणि ने बताया कि कोलंबिया भी आतंकवाद से जूझ चुका है, इसलिए वह भारत की स्थिति समझता है। भारत का संदेश साफ है: हम शांति चाहते हैं, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ डटकर मुकाबला करेंगे।
आगे क्या?
यह जीत भारत की एकता और कूटनीतिक ताकत का सबूत है। अब यह प्रतिनिधिमंडल ब्राजील और अमेरिका जा रहा है, जहां भारत का रुख और मजबूत होगा। यह कहानी हमें गर्व से भर देती है कि भारत वैश्विक मंच पर अपनी बात कितनी दमदारी से रख रहा है!
स्रोत: यह जानकारी द हिंदू (31 मई 2025), टाइम्स ऑफ इंडिया (31 मई 2025), और एएनआई के समाचारों से ली गई है।