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50 लाख लोगों ने भर दिया ITR-1 और ITR-4! लेकिन क्या आप जानते हैं, इनमें से कौन योग्य है और कौन नहीं? आपकी हर शंका का समाधान यहाँ!

 

50 लाख लोगों ने भर दिया ITR-1 और ITR-4! लेकिन क्या आप जानते हैं

50 लाख लोगों ने भर दिया ITR-1 और ITR-4! लेकिन क्या आप जानते हैं, इनमें से कौन योग्य है और कौन नहीं? आपकी हर शंका का समाधान यहाँ!

 सारांश ITR-1 और ITR-4 भारत में टैक्स फाइलिंग के लिए लोकप्रिय फॉर्म हैं। ITR-1 वेतनभोगी और छोटे आय वाले लोगों के लिए है, जबकि ITR-4 प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन स्कीम वालों के लिए। 2025-26 में 50 लाख से अधिक लोग इनका उपयोग कर चुके हैं। योग्यता, प्रक्रिया और बदलाव जानें!


क्या है ITR-1 और ITR-4?

दोस्तों, टैक्स फाइलिंग का मौसम शुरू हो चुका है, और 50 लाख से ज्यादा लोग पहले ही ITR-1 और ITR-4 फॉर्म भर चुके हैं। लेकिन सवाल यह है कि ये फॉर्म हैं क्या? और क्या आप इनके लिए योग्य हैं? आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं, जैसे कोई बड़ा भाई छोटे को समझाए!

ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम) भारत के आयकर विभाग द्वारा बनाए गए फॉर्म हैं, जो खास तौर पर छोटे करदाताओं के लिए हैं। ये फॉर्म उन लोगों के लिए हैं जिनकी आय सीमित स्रोतों से आती है। लेकिन हर किसी के लिए ये फिट नहीं बैठते। तो चलिए, इनकी योग्यता और नए बदलाव को बारीकी से देखते हैं।


ITR-1 (सहज): कौन भर सकता है?

ITR-1 उन लोगों के लिए है जिनकी आय सीधी-सादी है। इसे सहज इसलिए कहते हैं क्योंकि यह भरना आसान है। लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें हैं:

  • आय का स्रोत:

    • वेतन या पेंशन

    • एक मकान से आय (बशर्ते पुराने साल का नुकसान न हो)।

    • अन्य स्रोत जैसे बैंक ब्याज, डिविडेंड (लॉटरी या घुड़दौड़ की आय नहीं)।

    • 2025-26 में लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (Section 112A) ₹1.25 लाख तक, बिना नुकसान के।

  • आय की सीमा: कुल आय ₹50 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

  • निवास: केवल निवासी व्यक्ति (Resident Individual) ही इसे भर सकते हैं।

नोट: अगर आप विदेशी संपत्ति रखते हैं या आपकी आय में बिजनेस या प्रोफेशनल आय शामिल है, तो ITR-1 आपके लिए नहीं है।


ITR-4 (सुगम): किसके लिए है?

ITR-4 उन लोगों के लिए है जो प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन स्कीम (Sections 44AD, 44ADA, 44AE) का उपयोग करते हैं। यह छोटे बिजनेस वालों और पेशेवरों के लिए बनाया गया है। योग्यता देखें:

  • आय का स्रोत:

    • बिजनेस या प्रोफेशन से आय (प्रिजम्प्टिव आधार पर)।

    • वेतन, एक मकान की आय, या अन्य स्रोत (लॉटरी/घुड़दौड़ को छोड़कर)।

    • कृषि आय ₹5,000 तक।

    • लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन ₹1.25 लाख तक (Section 112A)।

  • आय की सीमा: कुल आय ₹50 लाख तक।

  • बिजनेस टर्नओवर: ₹2 करोड़ तक (Section 44AD) या ₹75 लाख तक (Section 44ADA)।

  • निवास: केवल निवासी व्यक्ति, HUF, या फर्म (LLP को छोड़कर)।

नोट: अगर आप पुराने टैक्स रिजीम को चुनना चाहते हैं, तो Form 10-IEA दाखिल करना अनिवार्य है।


2025-26 के नए बदलाव: क्या जानना जरूरी है?

हर साल आयकर विभाग कुछ नया लाता है, और AY 2025-26 में भी कई बदलाव हैं। ये जानना आपके लिए जरूरी है:

  1. लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन: अब ITR-1 और ITR-4 में ₹1.25 लाख तक के LTCG (Section 112A) को शामिल किया जा सकता है। पहले इसके लिए ITR-2 या ITR-3 भरना पड़ता था।

  2. नया टैक्स रिजीम डिफॉल्ट: नया टैक्स रिजीम अब डिफॉल्ट है। पुराने रिजीम के लिए Form 10-IEA जरूरी है।

  3. आधार एनरोलमेंट ID हटाया गया: अब केवल 12-अंकीय आधार नंबर ही मान्य है।

  4. TDS विवरण: हर डिडक्शन के लिए TDS सेक्शन का उल्लेख करना अनिवार्य है।

  5. संपत्ति विवरण: अब केवल ₹1 करोड़ से ज्यादा आय वालों को संपत्ति और देनदारी का विवरण देना होगा (पहले यह सीमा ₹50 लाख थी)।


क्यों जरूरी है सही ITR चुनना?

दोस्तों, गलत फॉर्म चुनने से आपकी रिटर्न रिजेक्ट हो सकती है, या आपको नोटिस मिल सकता है। इसलिए:

  • आय के स्रोत और कुल आय को अच्छे से जांचें।

  • प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन का लाभ लेने वाले ITR-4 चुनें।

  • टैक्स विशेषज्ञ की मदद लें अगर आपको शक हो।

  • आखिरी तारीख: 15 सितंबर 2025 तक ITR दाखिल करें, वरना ₹5,000 तक का जुर्माना लग सकता है।


हाल के रुझान: 50 लाख से ज्यादा ITR दाखिल!

X पर हाल की पोस्ट्स के मुताबिक, 50.83 लाख लोग पहले ही ITR-1 और ITR-4 दाखिल कर चुके हैं, लेकिन केवल 0.11 लाख रिटर्न वेरिफाई हुए हैं। इसका मतलब है कि लोग जल्दी फाइलिंग कर रहे हैं, लेकिन वेरिफिकेशन में देरी हो रही है। इसलिए, फाइलिंग के बाद वेरिफिकेशन को न भूलें

टिप: e-वेरिफिकेशन के लिए आधार OTP या डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग करें ताकि प्रक्रिया तेज हो।


कैसे करें ITR फाइलिंग?

ITR फाइल करना अब पहले से आसान है, खासकर e-फाइलिंग पोर्टल के जरिए। यहाँ स्टेप्स हैं:

  1. पोर्टल पर रजिस्टर करें: www.incometax.gov.in पर लॉगिन करें।

  2. सही फॉर्म चुनें: ITR-1 या ITR-4, अपनी आय के आधार पर।

  3. डिटेल्स भरें: प्री-फिल्ड डेटा को चेक करें, जैसे TDS, Form 16।

  4. वेरिफाई करें: आधार OTP या डाकREPLACE_WITH_SPACE_FAKE_ELECTRONIC_SIGNATURE

  5. सबमिट करें: रिटर्न जमा करें और वेरिफिकेशन पूरा करें।


निष्कर्ष: सही ITR, सही समय!

ITR-1 और ITR-4 छोटे करदाताओं के लिए बनाए गए हैं, लेकिन योग्यता की शर्तें समझना जरूरी है। 2025-26 के नए नियमों को ध्यान में रखें, जैसे LTCG की सीमा और आधार ID का बदलाव। सही फॉर्म और समय पर फाइलिंग से आप टैक्स नियमों का पालन आसानी से कर सकते हैं। 15 सितंबर 2025 से पहले अपनी रिटर्न दाखिल करें और जुर्माने से बचें!

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सूचना के स्रोत

इस ब्लॉग की जानकारी निम्नलिखित विश्वसनीय स्रोतों से ली गई है:

  • आयकर विभाग की वेबसाइट: www.incometax.gov.in

  • इकोनॉमिक टाइम्स: ITR फॉर्म्स में बदलाव और योग्यता की जानकारी,

  • बिजनेस टुडे: फाइलिंग आंकड़े और अपडेट्स

  • X पोस्ट्स: हाल के रुझान और आंकड़े

इन स्रोतों की जानकारी को क्रॉस-चेक किया गया है ताकि आपको सटीक और विश्वसनीय जानकारी मिले।