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भारत अंतरिक्ष में इतिहास रचने को तैयार है! भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने घोषणा की है कि एक्सियॉम-4 मिशन, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला शामिल हैं, 19 जून 2025 को नासा के केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से लॉन्च होगा।
यह मिशन भारत के लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे। आइए इस मिशन की पूरी जानकारी और इसके महत्व को समझें।
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और एक अनुभवी टेस्ट पायलट हैं। 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में जन्मे शुक्ला ने Su-30 MKI, MiG-21, और जगुआर जैसे विमानों पर 2,000 घंटे से अधिक उड़ान भरी है। ISRO के गगनयान मिशन के लिए चुने गए, उन्होंने रूस, भारत और अमेरिका में कठिन प्रशिक्षण लिया।
प्रशिक्षण: मॉस्को के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर और SpaceX सुविधाओं में प्रशिक्षण।
उपलब्धियां: 2024 में ग्रुप कैप्टन के पद पर पदोन्नति।
एक्सियॉम-4 मिशन ISRO, NASA, Axiom Space, और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का संयुक्त प्रयास है। यह SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट और क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए चार अंतरिक्ष यात्रियों को ISS पर ले जाएगा। दल में शुक्ला, कमांडर पेगी व्हिटसन (पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री), और पोलैंड व हंगरी के विशेषज्ञ शामिल हैं।
अवधि: 14 दिन का मिशन।
उद्देश्य: 60 वैज्ञानिक प्रयोग, जिनमें ISRO के 7 प्रयोग शामिल।
मूल रूप से 29 मई 2025 को निर्धारित यह मिशन तकनीकी और मौसमी कारणों से कई बार टला। फाल्कन 9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन रिसाव और ISS के रूसी मॉड्यूल में दबाव की अनियमितता ने 8, 10 और 11 जून की तारीखों को प्रभावित किया। ISRO ने 14 जून 2025 को पुष्टि की कि समस्याएं हल हो गई हैं।
तकनीकी समाधान: SpaceX ने रॉकेट की मरम्मत पूरी की।
मौसम: अब अनुकूल मौसम की उम्मीद।
एक्सियॉम-4 मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए आधार तैयार करेगा, जो 2027 तक मानवयुक्त मिशन भेजने का लक्ष्य रखता है। शुक्ला का ISS अनुभव भारत के 2035 तक प्रस्तावित भारत अंतरिक्ष स्टेशन के लिए महत्वपूर्ण डेटा देगा।
वैश्विक सहयोग: नासा और ESA के साथ साझेदारी।
प्रेरणा: युवाओं के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण का सपना।
मिशन के दौरान, शुक्ला 60 प्रयोगों में हिस्सा लेंगे, जिनमें ISRO के सात प्रयोग शामिल हैं। ये माइक्रोग्रैविटी में मूंग, मेथी के अंकुरण, शैवाल वृद्धि, और मांसपेशियों पर प्रभाव जैसे अध्ययनों पर केंद्रित हैं।
भारत-केंद्रित शोध: भविष्य के मिशनों के लिए खाद्य प्रयोग।
शिक्षा: ISS से छात्रों के साथ लाइव रेडियो संवाद।
यह जानकारी ISRO की आधिकारिक घोषणाओं और द इकनॉमिक टाइम्स, द हिंदू, और हिंदुस्तान टाइम्स जैसे विश्वसनीय स्रोतों से सत्यापित है।
स्रोत:
The Economic Times
The Hindu
Hindustan Times
एक्सियॉम-4 मिशन क्या है?
यह एक वाणिज्यिक मिशन है, जो शुभांशु शुक्ला सहित चार अंतरिक्ष यात्रियों को ISS पर ले जाएगा।
लॉन्च में देरी क्यों हुई?
रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन रिसाव, ISS में दबाव की समस्या और खराब मौसम के कारण देरी हुई।
यह मिशन भारत को कैसे फायदा देगा?
यह गगनयान और भारत अंतरिक्ष स्टेशन के लिए अनुभव और डेटा प्रदान