राफेल की ताकत अब 'मेड इन इंडिया'! टाटा और दसॉल्ट मिलकर बनाएंगे फाइटर जेट के पुर्जे!
राफेल की ताकत अब 'मेड इन इंडिया'! टाटा और दसॉल्ट मिलकर बनाएंगे फाइटर जेट के पुर्जे!
सारांश
टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और दसॉल्ट एविएशन ने मिलकर भारत में राफेल फाइटर जेट के फ्यूजलेज बनाने का करार किया है। हैदराबाद में 2028 तक शुरू होने वाली नई फैसिलिटी भारत को एयरोस्पेस हब बनाएगी। यह मेक इन इंडिया की बड़ी जीत है! #राफेल
भारत में राफेल का नया जन्म!
दोस्तों, एक ऐसी खबर जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी! दुनिया का सबसे ताकतवर फाइटर जेट राफेल अब भारत में बनेगा। जी हां, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन ने चार प्रोडक्शन ट्रांसफर एग्रीमेंट्स पर हस्ताक्षर किए हैं। यह पहली बार है जब राफेल का फ्यूजलेज, यानी इसका मुख्य ढांचा, फ्रांस के बाहर बनेगा। और कहां? हमारे अपने हैदराबाद में!
टाटा क्या-क्या बनाएगा?
आपके मन में सवाल होगा, टाटा आखिर बनाएगा क्या? तो सुनिए, हैदराबाद की नई फैसिलिटी में राफेल के फ्यूजलेज के कई हिस्से बनेंगे। इनमें फ्रंट सेक्शन, सेंट्रल फ्यूजलेज, रियर सेक्शन, और लेटरल शेल्स शामिल हैं। ये हिस्से राफेल को मजबूती और हल्कापन देते हैं, जो इसे आसमान में बेमिसाल बनाते हैं। खास बात? यह प्लांट हर महीने दो फ्यूजलेज बनाएगा। यानी भारत अब राफेल की वैश्विक सप्लाई चेन का हिस्सा बनेगा!
हैदराबाद बनेगा ग्लोबल हब
हैदराबाद में बनने वाली यह अत्याधुनिक फैसिलिटी भारत के एयरोस्पेस उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। यह सिर्फ एक कारखाना नहीं, बल्कि मेक इन इंडिया का एक चमकता सितारा है। दसॉल्ट का कहना है कि यह फैसिलिटी हाई-प्रिसिजन मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनेगी। साथ ही, यह हजारों नौकरियां पैदा करेगी और भारत के इंजीनियरों को विश्वस्तरीय तकनीक सीखने का मौका देगी।
मेक इन इंडिया की नई उड़ान
यह साझेदारी सिर्फ राफेल तक सीमित नहीं है। यह भारत के रक्षा उद्योग और स्वदेशीकरण की दिशा में एक मील का पत्थर है। राफेल जैसे जटिल फाइटर जेट के पुर्जे बनाना कोई छोटी बात नहीं। इसके लिए उच्च तकनीक और सख्त क्वालिटी कंट्रोल चाहिए। टाटा का इस प्रोजेक्ट में शामिल होना दिखाता है कि भारत अब वैश्विक एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग में कितना सक्षम है।
क्या फायदा होगा भारत को?
इस प्रोजेक्ट से भारत को कई फायदे होंगे। सबसे पहले, यह मेक इन इंडिया को मजबूती देगा। दूसरा, भारत राफेल के पुर्जों का ग्लोबल सप्लायर बनेगा, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा। तीसरा, इंडो-फ्रेंच रक्षा संबंध और गहरे होंगे। और सबसे जरूरी, यह भारत को ग्लोबल एयरोस्पेस हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
2028 का इंतजार क्यों?
अब आप सोच रहे होंगे कि 2028 तक क्यों इंतजार? दरअसल, ऐसी हाई-टेक फैसिलिटी तैयार करने में समय लगता है। टाटा को मशीनरी, ट्रेनिंग, और क्वालिटी स्टैंडर्ड्स सेट करने में वक्त चाहिए। लेकिन 2028 तक यह प्लांट पूरी तरह शुरू हो जाएगा और हर महीने दो फ्यूजलेज बनाएगा। यह भारत के लिए गर्व का पल होगा!
आपके लिए क्या मौका?
यह खबर सिर्फ रक्षा और उद्योग की नहीं, बल्कि आपके लिए भी प्रेरणा है। अगर आप एयरोस्पेस, इंजीनियरिंग, या रक्षा क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो यह आपके लिए सुनहरा मौका है। टाटा और दसॉल्ट जैसे दिग्गज भारत में निवेश कर रहे हैं, यानी नए जॉब्स और स्किल डेवलपमेंट के अवसर खुल रहे हैं। तो, तैयार हो जाइए इस उड़ान में शामिल होने के लिए!
स्रोत: यह जानकारी बिजनेस स्टैंडर्ड, इंडियन एक्सप्रेस, और न्यूज18 जैसे विश्वसनीय समाचार स्रोतों से ली गई है।