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क्या आप चाहते हैं कि आपका पैसा हमेशा कमाई दे और साथ ही बढ़ता भी रहे? Systematic Withdrawal Plan (SWP) आपके लिए एक स्मार्ट विकल्प है। यह रिटायरमेंट के बाद नियमित आय देता है और आपका मूलधन बाजार के रिटर्न के साथ बढ़ सकता है। आइए जानें कैसे! 🚀
Systematic Withdrawal Plan एक ऐसी सुविधा है, जिसमें आप अपने म्यूचुअल फंड या निवेश से हर महीने एक निश्चित राशि निकाल सकते हैं। यह रिटायरमेंट के बाद रोजमर्रा के खर्चों के लिए बेहतरीन है। आपकी जरूरत के हिसाब से यह लचीलापन देता है, और बाकी पैसा बाजार से जुड़े रिटर्न के साथ बढ़ता रहता है।
आप सोच रहे होंगे कि फिक्स्ड डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम, या एन्युटी प्लान क्यों नहीं चुनें? जवाब सरल है। ये विकल्प 6-7% सालाना रिटर्न देते हैं, जो महंगाई को मुश्किल से पार कर पाते हैं। नतीजा? आपके पैसे की वास्तविक कीमत समय के साथ घटती है।
उदाहरण के लिए, SCSS में आप अधिकतम 30 लाख और POMIS में 15 लाख निवेश कर सकते हैं। SCSS में 30 लाख के निवेश से आपको सिर्फ 20,000 रुपये मासिक मिलेंगे, जो आज के समय में पर्याप्त नहीं है। SWP के साथ आप ज्यादा निवेश कर सकते हैं और महंगाई को मात दे सकते हैं।
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Visit the Blog Postहां, यह संभव है! अगर आपकी निकासी दर आपके निवेश के वास्तविक रिटर्न (महंगाई घटाने के बाद) के बराबर हो, तो आपका पैसा हमेशा चल सकता है। इसे परपेचुअल विड्रॉल कहते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर आपका निवेश 12% रिटर्न देता है और महंगाई 6% है, तो वास्तविक रिटर्न 5.66% होगा। अगर आप 5% की दर से निकासी करते हैं, तो आपका मूलधन बढ़ता रहेगा। लेकिन अगर निकासी दर ज्यादा हुई, तो पैसा खत्म हो सकता है।
निवेश की गणना का फॉर्मूला है: जरूरी मूलधन = सालाना निकासी ÷ वास्तविक रिटर्न। मान लीजिए, आपको हर महीने 1 लाख रुपये चाहिए (सालाना 12 लाख) और वास्तविक रिटर्न 4% है, तो आपको चाहिए:
12 लाख ÷ 0.04 = 3 करोड़ रुपये।
नीचे दी गई तालिका से समझें कि आपको कितना निवेश करना होगा:
मासिक निकासी (₹) | सालाना निकासी (₹) | वास्तविक रिटर्न (%) | जरूरी मूलधन (₹) |
---|---|---|---|
50,000 | 6,00,000 | 5% | 1.2 करोड़ |
1,00,000 | 12,00,000 | 4% | 3 करोड़ |
2,00,000 | 24,00,000 | 6% | 4 करोड़ |
तालिका की व्याख्या: यह तालिका दर्शाती है कि आपकी मासिक जरूरत और वास्तविक रिटर्न के आधार पर कितना मूलधन चाहिए। उदाहरण के लिए, 1 लाख रुपये मासिक निकासी के लिए 4% रिटर्न पर 3 करोड़ रुपये चाहिए। अगर रिटर्न ज्यादा है, तो कम मूलधन पर्याप्त होगा।
सबसे पहले, आप एक म्यूचुअल फंड में एकमुश्त निवेश करते हैं, जैसे बैलेंस्ड फंड। फिर, निकासी की राशि और समय चुनते हैं। हर महीने आपके निवेश की कुछ यूनिट्स बिकती हैं, जिससे आपको नकदी प्रवाह मिलता है, और बाकी यूनिट्स बढ़ती रहती हैं।
सही फंड चुनें: इक्विटी, डेट, या गोल्ड जैसे कई विकल्प हैं। सही फंड के लिए वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
रूढ़िगत रिटर्न: हमेशा वास्तविक रिटर्न की उम्मीद कम रखें ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे।
महंगाई का ध्यान: निकासी को महंगाई के हिसाब से बढ़ाएं ताकि क्रय शक्ति बनी रहे।
टैक्स और शुल्क: फंड मैनेजमेंट शुल्क और टैक्स का हिसाब रखें।
नियमित समीक्षा: बाजार और महंगाई बदलते रहते हैं, इसलिए समय-समय पर अपनी योजना की समीक्षा करें।
SWP आपके रिटायरमेंट को वित्तीय स्थिरता और लचीलापन देता है। सही योजना और विशेषज्ञ सलाह के साथ, आप हर महीने नियमित आय पा सकते हैं और आपका मूलधन भी बढ़ सकता है। तो देर न करें, अपने वित्तीय सलाहकार से बात करें और आज ही SWP शुरू करें! 🚀
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यह जानकारी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के विशेषज्ञों, SEBI के दिशानिर्देशों, और वित्तीय योजना से संबंधित विश्वसनीय स्रोतों जैसे कि AMFI (Association of Mutual Funds in India) और मान्यता प्राप्त वित्तीय सलाहकारों के लेखों से ली गई है।