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सोना अब वैश्विक रिजर्व एसेट के रूप में यूरो को पीछे छोड़ चुका है। भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों की खरीदारी, और आर्थिक अनिश्चितता ने इसकी कीमतों को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचाया। यह ब्लॉग बताएगा कि सोने का भविष्य क्या हो सकता है और निवेशकों के लिए क्या रणनीति सही है।
दोस्तों, सोना आजकल हर किसी की जुबान पर है। हाल ही में यह खबर आई कि सोना अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रिजर्व एसेट बन गया है, जिसने यूरो को भी पीछे छोड़ दिया। लेकिन ऐसा क्यों हुआ? और इसका मतलब हमारे लिए क्या है? चलो, इसे आसान भाषा में समझते हैं।
सोने की कीमतें इस समय रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। 16 जून 2025 को सोना अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3,500 डॉलर प्रति औंस की ओर बढ़ रहा है, और भारत में 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास पहुंच गया है। यह उछाल भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों की खरीदारी, और आर्थिक अनिश्चितता जैसे कारकों का नतीजा है।
आइए, कुछ प्रमुख कारणों को पॉइंट्स में समझते हैं:
भू-राजनीतिक अस्थिरता: ईरान-इजरायल युद्ध और अमेरिका-चीन ट्रेड वार की आशंकाओं ने निवेशकों को सुरक्षित संपत्ति की ओर धकेला है। सोना हमेशा से युद्ध और अनिश्चितता के समय निवेशकों की पहली पसंद रहा है।
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: भारत और चीन जैसे देशों के केंद्रीय बैंक बड़े पैमाने पर सोना खरीद रहे हैं, जिससे इसकी मांग बढ़ी है।
डॉलर की कमजोरी: अमेरिकी डॉलर में गिरावट ने सोने की कीमतों को और बढ़ाया है।
ब्याज दरों में कमी की उम्मीद: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.25% तक की कमी की संभावना ने सोने को और आकर्षक बनाया है।
वेडिंग सीजन की मांग: भारत में शादियों का मौसम सोने की खरीदारी को और बढ़ा रहा है।
सवाल यह है कि सोने की कीमतें अब कहां जाएंगी? क्या यह और ऊपर जाएगा, या गिरावट आएगी? विशेषज्ञों का कहना है कि 2025 में सोना और चमक सकता है। कुछ विश्लेषकों का अनुमान है कि वायदा बाजार में सोना 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। लेकिन सावधानी भी जरूरी है।
लंबी अवधि का निवेश: सोना एक सुरक्षित निवेश है, खासकर अनिश्चित समय में। अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो सोने में निवेश एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
छोटे-छोटे निवेश: एक साथ बड़ी रकम लगाने के बजाय, सोने को छोटे-छोटे हिस्सों में खरीदें। इससे जोखिम कम होगा।
डिजिटल गोल्ड: अगर आप फिजिकल गोल्ड नहीं खरीदना चाहते, तो डिजिटल गोल्ड या गोल्ड ETF में निवेश करें। यह सुविधाजनक और सुरक्षित है।
मुनाफावसूली पर ध्यान: सोने की कीमतें बहुत ऊंची हैं, इसलिए समय-समय पर मुनाफा बुक करना समझदारी है।
विशेषज्ञ की सलाह: कोई भी निवेश करने से पहले वित्तीय सलाहकार से बात करें।
गोलटेलर के को-फाउंडर विवेक बांका का कहना है कि सोना अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रिजर्व एसेट है। HDFC सिक्योरिटीज के अनुसार, 2025 में सोने की कीमतों में 10.28% की बढ़ोतरी देखी गई है, जबकि चांदी में 10.44% की वृद्धि हुई है। लेकिन कुछ विश्लेषक चेतावनी देते हैं कि कीमतें बहुत ऊंची हो चुकी हैं, और मुनाफावसूली के कारण गिरावट भी आ सकती है।
मायवेल्थग्रोथ के हर्षद चेतनवाला का कहना है कि युद्ध और आर्थिक अनिश्चितता के समय सोने की चमक और बढ़ेगी। लेकिन अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में अप्रत्याशित वृद्धि करता है, तो कीमतें प्रभावित हो सकती हैं।
सोने की ऊंची कीमतों ने तस्करी को भी बढ़ावा दिया है। खाड़ी देशों जैसे दुबई से सोना सस्ता होने के कारण तस्करी बढ़ रही है। सीबीआईसी के अनुसार, 2023-24 में 4,869.6 किलोग्राम सोना पकड़ा गया, लेकिन यह केवल 10% तस्करी का हिस्सा है। आयात शुल्क को 15% से 6% करने से तस्करी में कुछ कमी आई है, लेकिन समस्या बनी हुई है।
सोना हमेशा से भारतीयों के दिलों में खास रहा है। चाहे शादी हो या निवेश, सोने की चमक सबको लुभाती है। लेकिन इस समय की ऊंची कीमतों को देखते हुए, सावधानी बरतना जरूरी है। लंबी अवधि के लिए सोना एक अच्छा निवेश हो सकता है, लेकिन विशेषज्ञ की सलाह और बाजार की गतिविधियों पर नजर रखें।
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यह जानकारी निम्नलिखित विश्वसनीय स्रोतों से ली गई है:
Moneycontrol: Gold Rate Today
Goodreturns: Gold Price Forecast
BBC Hindi: सोने की तस्करी
Aajtak: Gold Rate