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सारांश
अगस्त 2025 में अडानी और टाटा समूह की कंपनियों के स्टॉक स्प्लिट से निवेशकों को बड़ा फायदा हो सकता है। यह ब्लॉग स्टॉक स्प्लिट की प्रक्रिया, इसके फायदे, और निवेश के टिप्स समझाता है। जानें कैसे ये अवसर आपके लिए निवेश का सुनहरा मौका बन सकता है।
दोस्तों, अगर तुम निवेश की दुनिया में कदम रख रहे हो, तो स्टॉक स्प्लिट एक ऐसा शब्द है जो तुम्हें उत्साहित कर सकता है। अडानी और टाटा समूह की कंपनियों के शेयरों में अगस्त 2025 में होने वाले स्टॉक स्प्लिट की खबरें बाजार में तहलका मचा रही हैं। लेकिन ये स्टॉक स्प्लिट होता क्या है?
स्टॉक स्प्लिट तब होता है जब कोई कंपनी अपने शेयर की फेस वैल्यू को कम करती है और शेयरों की संख्या बढ़ा देती है। उदाहरण के लिए, अगर 1 शेयर की कीमत 1000 रुपये है और 1:2 का स्प्लिट होता है, तो 1 शेयर 2 शेयरों में बदल जाता है, प्रत्येक की कीमत 500 रुपये। इससे छोटे निवेशकों के लिए शेयर खरीदना आसान हो जाता है।
अडानी पावर ने हाल ही में घोषणा की कि उनकी 1 अगस्त 2025 को होने वाली बोर्ड मीटिंग में 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले शेयरों के स्टॉक स्प्लिट पर विचार होगा। यह कदम निवेशकों के लिए शेयर को और आकर्षक बनाएगा।
वहीं, टाटा समूह की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन बाजार में चर्चा है कि टाटा पावर जैसी कंपनियां भी स्टॉक स्प्लिट की दिशा में कदम उठा सकती हैं। ये दोनों समूह पावर सेक्टर में अपनी मजबूत स्थिति के लिए जाने जाते हैं, और इनके शेयरों ने हाल के वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया है।
आइए, कुछ प्रमुख बिंदुओं के जरिए समझते हैं कि स्टॉक स्प्लिट आपके लिए क्यों फायदेमंद हो सकता है:
कम कीमत, ज्यादा पहुंच: शेयर की कीमत कम होने से छोटे निवेशक भी अडानी और टाटा जैसे बड़े समूहों में निवेश कर सकते हैं।
लिक्विडिटी में वृद्धि: ज्यादा शेयर उपलब्ध होने से ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ता है, जिससे बाजार में शेयर की मांग बढ़ सकती है।
मनोवैज्ञानिक प्रभाव: कम कीमत वाले शेयर निवेशकों को आकर्षक लगते हैं, जिससे शेयर की डिमांड और कीमत में उछाल आ सकता है।
लंबे समय का फायदा: अडानी पावर और टाटा पावर जैसे शेयरों ने पिछले 3-5 साल में 527% और 654% तक का रिटर्न दिया है। स्टॉक स्प्लिट के बाद भी इनका प्रदर्शन मजबूत रह सकता है।
स्टॉक स्प्लिट भले ही सुनहरा मौका हो, लेकिन निवेश से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
कंपनी का प्रदर्शन: अडानी पावर ने हाल ही में 600 MW का कोल-बेस्ड पावर प्लांट अधिग्रहण किया है, जो इसकी क्षमता को और बढ़ाएगा। टाटा पावर की 15,700 करोड़ रुपये की ऑर्डर बुक भी इसकी मजबूती दर्शाती है।
बाजार की अस्थिरता: अडानी समूह के शेयरों में पहले भी उतार-चढ़ाव देखा गया है, जैसे कि हिंडनबर्ग विवाद के दौरान। इसलिए, बाजार के रुझानों पर नजर रखें।
विश्लेषक की राय: ब्रोकरेज फर्म नोमुरा इंडिया ने टाटा पावर के लिए 560 रुपये का टारगेट दिया है, जबकि अडानी पावर के लिए 700-725 रुपये की संभावना जताई गई है।
लंबी अवधि का नजरिया: स्टॉक स्प्लिट तुरंत लाभ नहीं देता, लेकिन लंबे समय में मल्टीबैगर रिटर्न की संभावना बढ़ सकती है।
रिसर्च करें: कंपनी के फाइनेंशियल्स, जैसे रेवेन्यू, प्रॉफिट, और ऑर्डर बुक, को अच्छे से जांचें।
विविधता लाएं: अपने पोर्टफोलियो में अडानी और टाटा के अलावा अन्य सेक्टरों के शेयर भी शामिल करें।
एक्सपर्ट की सलाह: किसी SEBI रजिस्टर्ड सलाहकार से सलाह लें ताकि आप सही समय पर निवेश कर सकें।
धैर्य रखें: स्टॉक स्प्लिट के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन लंबे समय के लिए निवेश करें।
यह जानकारी निम्नलिखित विश्वसनीय स्रोतों से ली गई है:
Live Hindustan (टाटा पावर और अडानी पावर की तुलना, 2024):
Alice Blue Online (अडानी पावर स्टॉक स्प्लिट खबर, 2025):
Moneycontrol (अडानी समूह के शेयरों का विश्लेषण, 2023-2025):,
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