को
Share Market
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
क्या आपने कभी सोचा कि आपके पुराने, फटे हुए नोटों का क्या होता है? रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक शानदार पहल शुरू की है, जिसके तहत ये नोट अब पार्टिकल बोर्ड बनकर नया जीवन पाएंगे। यह कदम न सिर्फ कचरे को कम करेगा, बल्कि पर्यावरण को भी बचाएगा। है ना गजब की बात? #EcoFriendlyIndia
निवेशकों के लिए अच्छी खबर: सेबी ने डेरिवेटिव्स बाजार में जोखिम कम करने के लिए उठाए कड़े कदम!...
Visit the Blog Postहर साल भारत में लगभग 15,000 टन नोटों के टुकड़े (ब्रिकेट्स) बनते हैं। पहले इन्हें या तो लैंडफिल में डंप किया जाता था या जलाया जाता था, जो पर्यावरण के लिए नुकसानदायक था। लेकिन अब RBI ने इसे बदलने का बीड़ा उठाया है। इन नोटों को रीसाइकल करके पार्टिकल बोर्ड बनाए जाएंगे, जो फर्नीचर और निर्माण में काम आएंगे। #RecycleRevolution
खास बात: यह पहल लकड़ी की जगह नोटों के टुकड़ों का इस्तेमाल करके जंगलों को बचाने में भी मदद करेगी।
RBI ने इंस्टीट्यूट ऑफ वुड साइंस एंड टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर एक स्टडी की। इस स्टडी में पाया गया कि नोटों के टुकड़ों से बने पार्टिकल बोर्ड न सिर्फ मजबूत हैं, बल्कि तकनीकी जरूरतों को भी पूरा करते हैं। अब RBI ऐसे निर्माताओं की तलाश में है जो इस क्रांतिकारी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनें। #SustainableFuture
यह पहल हमें सिखाती है कि छोटे-छोटे कदम बड़े बदलाव ला सकते हैं। RBI का यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मिसाल है। आप भी रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देकर, प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करके, और ऐसी पहलों को शेयर करके इसमें योगदान दे सकते हैं। आइए, मिलकर हरा-भरा भारत बनाएं! #GreenIndia
गरमा गरम खबर: ट्रंप के व्यापार प्लान पर कोर्ट का पानी फेर! अब क्या करेंगे राष्ट्रपति?...
Visit the Blog Postअगली बार जब आप पुराना नोट देखें, तो सोचिए कि वह किसी टेबल, शेल्फ या घर का हिस्सा बन सकता है। RBI की यह पहल न सिर्फ पर्यावरण को बचाएगी, बल्कि हमें भी जिम्मेदार बनने की प्रेरणा देगी। तो, इस कहानी को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और बदलाव का हिस्सा बनें! #GoGreen
स्रोत: यह जानकारी RBI की वार्षिक रिपोर्ट और इंस्टीट्यूट ऑफ वुड साइंस एंड टेक्नोलॉजी की स्टडी से ली गई है, जो 29 मई 2025 को अपडेट की गई थी।